चेहरा तुम्हारा | Chehra Tumhara
चेहरा तुम्हारा
( Chehra Tumhara )
बहुत ख़ूबसूरत है चेहरा तुम्हारा।
निगाहों की जन्नत है चेहरा तुम्हारा।
ये गुस्ताख़ नज़रें,यह क़ातिल तबस्सुम।
फिर उस पर तुम्हारा यह तर्ज़-ए-तकल्लुम।
यक़ीं तुमको आए न आए यह सच है।
सरापा क़यामत है चेहरा तुम्हारा।
निगाहों की जन्नत है चेहरा तुम्हारा।
नहीं कोई गुल ऐसा दुनिया में दिलबर।
नज़र तुम ही आते हो हर शय से बेहतर।
तुम्हें देख कर ऐसा लगता है जानू।
गुलाबों की निकहत है चेहरा तुम्हारा।
निगाहों की जन्नत है चेहरा तुम्हारा।
घटा बनके उड़ता ये ज़ुल्फ़ों का बादल।
क़यामत है आंखों में सिमटा यह काजल।
रखें क्यों न दिल में बसा कर तुम्हें हम।
ख़ुदा की इ़नायत है चेहरा तुम्हारा।
निगाहों की जन्नत है चेहरा तुम्हारा।
बहुत ख़ूबसूरत है चेहरा तुम्हारा।
निगाहों की जन्नत है चेहरा तुम्हारा।
पीपलसानवी