डाकिया ( Dakiya ) मनहरण घनाक्षरी सुख-दुख के संदेश, खुशियों के प्यार भरे। डाकिया का इंतजार, होता घर द्वार था। आखर आखर मोती, चिट्ठी की महक लाता। इक छोटा पोस्टकार्ड, कागज में प्यार था। चूड़ियों की खनक भी, बुलंदी की ललक भी। खुशियों का खजाना वो, डाक लाता जब था। वो … Continue reading डाकिया | Chhand dakiya
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