दहलीज | Dahaleej

दहलीज ( Dahaleej )    फर्क है तुमने और तुम्हारी बातों मे समझ ही न पाए कई मुलाकातों में मिले हो हर बार नए ही अंदाज मे उजाला हो जैसे दिन और रातों मे कभी गुरुर तो कभी शोखी नजर आया कभी शाम तो कभी सहर नजर आया तुम बिन यूं तो हम जागे हैं … Continue reading दहलीज | Dahaleej