दर्द | Dard

दर्द ( Dard )   दर्द छलक ही पड़ता है जब गहराइयाँ छू लेती हैं आकाश खामोश जबान भी बोल उठती है फिर मिले अंधेरा या प्रकाश परिधि में ही घूमती जिंदगी तोड़ देती है बांध सहनशीलता की समझ नहीं पाता वही जब रहती है उम्मीद जिस पर आस्था की लग सकते हैं अगर शब्द … Continue reading दर्द | Dard