दारु इतनी मत पीना | Daru par Kavita

दारु इतनी मत पीना ( Daru itni mat pina )   दारू इतनी मत पीना कि वह तुम्हें पीने लग जाएं, बिन आग व श्मशान के तुम्हारा शरीर जल जाएं। सुधर जाना संभल जाना सभी पीने वाले वक्त पर, शत्रुओं से भी बुरी है ये इससे दूरियां बनाते जाएं।। गिरते-पड़ते आते है इस तरह के … Continue reading दारु इतनी मत पीना | Daru par Kavita