दास्तान ए दिल | Dastan-e-Dil

दास्तान ए दिल ( Dastan-e-Dil )   चले जाओगे इक रोज दूर मुझसे चले जायेंगे दूर हम भि तुझसे फ़क्र है तब भी मुझे तुझ पर यादों में हम जरूर आयेंगे निभा लो आज जैसा भि चाहो करें क्या शिकवा गिला तुमसे भले सिवा दिल के हमारे न हुए इक रोज हम भी रूह में … Continue reading दास्तान ए दिल | Dastan-e-Dil