धन्यवाद ओ सूखे दरख़्त

राजस्थान का जो इलाका आज चमन बना हुआ है आधी शताब्दी के पहले अत्यधिक पिछड़ा हुआ क्षैत्र हुआ करता था.. मेवाड़ की भूमि पर अकाल का साया रहा करता था और लोगबाग रोजी रोटी के लिए महाराष्ट्र की और पलायन करने लगे थे। बाबूजी भी जन्म भूमि छोड़ अकोला पहुँचे और वहीँ रम गए.. अकोला … Continue reading धन्यवाद ओ सूखे दरख़्त