धरातल ( Dharatal ) समय के सामूहिक धरातल पर आपकी व्यक्तिगत चाहत बहुत कीमती नही होती… बात जब परिवार,समाज,देश की हो शिक्षा,संस्कृति,संस्कार की हो सभ्यता,स्वभाव,व्यवहार की हो… आपका उत्तरदायित्व आप तक ही सिमट नही सकता जरूरतें,जरूरत पर ही पूरी नही होती कर्म और सहयोग भी जरूरी है… गलत ठहराने से ही आप सही नही … Continue reading धरातल | Dharatal
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