ध्यान रहे | Dhyan Rahe

ध्यान रहे ( Dhyan rahe )    गद्दार कभी वफादार नही हो सकता गद्दारी सिर्फ ,किसी के खून मे ही नही बल्कि वंशानुगत भी पीढ़ी दर पीढ़ी  चलती ही रहती है…. कहना मुनासिब तो नही किंतु, अपराधिक मानसिकता से उत्पन्न शिशु भी उसी का वंशधर होता है…. हर,हिरणाकश्यप के यहां प्रह्लाद का जन्म नही होता.. … Continue reading ध्यान रहे | Dhyan Rahe