दीद-ए-तर | Dida-e-Tar

दीद-ए-तर ( Dida-e-Tar ) वो मेरे लिए दीद-ए-तर है के नहीं है।उल्फ़त का मिरी उसपे असर है के नहीं है। रस्मन तो उसे आना था फिर भी नहीं आया।उसको मिरे मरने की ख़बर है के नहीं है। तारीकियों इतना तो बता दो कभी मुझको।शाम-ए-ग़मे-हिज्रां की सह़र है के नहीं है। आजाऊंगा,आजाऊंगा इतनी तो ख़बर दो।मेह़फ़िल … Continue reading दीद-ए-तर | Dida-e-Tar