दिल को ( Dil ko ) बे -इंतहा, बे – हिसाब, बे – पनाह, बे- पायान प्यार है ‘ गर दिल को बे – इंतहा, बे – हिसाब, बे- पनाह, बे -पायान दर्द भी होता है उस दिल को.. लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी पढ़ें :- अलसायी कलम | … Continue reading दिल को | Dil ki Shayari
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