दिल की ज़मीं पर | Ghazal Dil ki Zameen par

दिल की ज़मीं पर ( Dil ki zameen par )     दिल की ज़मीं पर अरमानों की छत डाल ख्वाबों का बिछौना दिया तो था  तुम्हें बादलों सा उड़ना हवाओं सा रवां पानियों सा बहना रास था मैं बाँध न पाई बोटी बोटी सी जो कट चुकी थी तिनका तिनका जुटाने में   लेखिका … Continue reading दिल की ज़मीं पर | Ghazal Dil ki Zameen par