
दिल की ज़मीं पर
( Dil ki zameen par )
दिल की ज़मीं पर
अरमानों की छत डाल
ख्वाबों का बिछौना
दिया तो था
तुम्हें
बादलों सा उड़ना
हवाओं सा रवां
पानियों सा बहना
रास था
मैं
बाँध न पाई
बोटी
बोटी सी जो
कट चुकी थी
तिनका तिनका
जुटाने में
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )