दो दिन की जिंदगानी | Do Din ki Zindagani

दो दिन की जिंदगानी ( Do din ki zindagani )    दो दिन की जिंदगानी प्यारे झूठा यह संसार है। तन बदन है माटी का प्यारे सांसे सभी उधार है। चंद सांसों का खेल सारा पंछी को उड़ जाना है। ये दुनिया है आनी जानी आगे और ठिकाना है। माटी के पुतले को फिर माटी … Continue reading दो दिन की जिंदगानी | Do Din ki Zindagani