दो जून की रोटी | Do joon ki roti kavita

दो जून की रोटी ( Do joon ki roti )   दो जून की रोटी को खून पसीना बहा कर पाना चाहता सुकून दिन भर की थकान से   घर से निकलता मानव दो जून की रोटी को बेहाल हो गया मनुज हालातों के सामने   दो जून की रोटी की दिनोंदिन चिंता खा रही … Continue reading दो जून की रोटी | Do joon ki roti kavita