दोस्त हाले दिल अपना सुनाओ ज़रा | Ghazal Haal -E- Dil Apna Sunao

दोस्त हाले दिल अपना सुनाओ ज़रा   ( Dost haal -e- dil apna sunao jara )      दोस्त हाले दिल अपना सुनाओ ज़रा थे कहा तुम गले से लगाओ ज़रा   क्या किया इतने दिन गांव में ही तन्हा और अपनें बारे में बताओ ज़रा   क्या मिलेगा मुझे प्यार में रुलाकर और मुझको न … Continue reading दोस्त हाले दिल अपना सुनाओ ज़रा | Ghazal Haal -E- Dil Apna Sunao