दुस्साहस | Kavita dussahas

दुस्साहस ! ( Dussahas ) *** भय से भी भयभीत नहीं हो रहे हैं हम, लाख चेतावनियों के बाद भी- कान में तेल डाल, सो रहे हैं हम। दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा आंकड़ा- दानव रूपी कोरोना का, हम ताली थाली पीट रहे- सहारा ले रहे जादू टोना का ! सरकार जुटी है सरकार बनाने … Continue reading दुस्साहस | Kavita dussahas