इक आह उभरती सीने में | Ek Aah

इक आह उभरती सीने में ( Ek aah ubharti seene mein )   इक आह उभरती सीने में, और दर्द भी दिल में होता है। मन की पीर ढल शब्दों में, कविता का सृजन होता है। दिल की बातें दिल को छूती, कंठो से सरिता बहती है। अधरों की मुस्कान मोहक, शब्द शब्द में रहती … Continue reading इक आह उभरती सीने में | Ek Aah