एक ही थाली में मस्त हैं | Ek hi Thaali

एक ही थाली में मस्त हैं ( Ek hi thaali mein mast hai )    करते जो शहर भर में दूनाली से गश्त हैं। हम हैं कि उनकी आम ख्याली से पस्त हैं।। मवाली इन्हें समझे उन्हें समझे थे मसीहा, सच में कि दोनों एक ही थाली में मस्त हैं। आका हमारे जाम तोड़ते हैं … Continue reading एक ही थाली में मस्त हैं | Ek hi Thaali