एक पत्र किताबों के नाम | Ek Patra Kitabon ke Naam
सुनो सखी, तुम्हें पता है ,किताबें महज अब एक रद्दी बनकर रह गई,एक वक्त था जब लगाव था किताबो से सबको,लेकिन आज मोबाइल ने इसकी अहमियत ही खत्म कर दी,जो शब्द किताबों में लिखे होते थे,उनमें खुद से जुड़ी भावनाएं अपनेपन का एहसास कराती थी,आज मोबाईल में सोशल साइट्स में कब वक्त बीत जाता पता … Continue reading एक पत्र किताबों के नाम | Ek Patra Kitabon ke Naam
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