गाय | Gaay par Kavita

गाय ( Gaay )    जहां नंदिनी वहां माधव को भी आना पड़ता है। गोमाता की रक्षा खातिर चक्र उठाना पड़ता है। धेनु भक्त ग्वालों की पीर दर्द हर जाना पड़ता है। खुशियों से झोली सबकी भर जाना पड़ता है। बजे चैन की मधुर मुरलिया गीत गाना पड़ता है। मुस्कानो के मोती मनमोहन बरसाना पड़ता … Continue reading गाय | Gaay par Kavita