गैरों की संगत | Gairon ki Sangat

गैरों की संगत ( Gairon ki sangat )    ऐ दोस्त, संभल कर चल परख कर चल समझ कर चल क्योंकि गैरों की संगत अपनों को दुश्मन बना देती है।   ऐ दोस्त! समझना बड़ा मुश्किल है किसी के रुप को, पढ़ना बड़ा मुश्किल है बनावटी चेहरों को क्योंकि गुमराह सभी को अंधा बना देती … Continue reading गैरों की संगत | Gairon ki Sangat