ग़म की बारिश में मैं भीगता रह गया | Gam ki Shayari
ग़म की बारिश में मैं भीगता रह गया ( Gam ki baarish mein main bhigta rah gaya ) ग़म की बारिश में मैं भीगता रह गया उसकी यादों में ही डूबता रह गया वो सनम गैरों से आशना हो गये मै उन्हें ख़ुद से ही रोकता रह गया इश्क़ करके मुझे अब … Continue reading ग़म की बारिश में मैं भीगता रह गया | Gam ki Shayari
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