भूलना अच्छा लगता है | Geet Bhulna Acha Lagta Hai

भूलना अच्छा लगता है ( Bhulna Acha Lagta Hai )   वो काली अंधियारी रातें, अपनों की तीरों सी बातें। रह रहकर दर्द दे जाए, संकट में ना साथ निभाते। भूलना अच्छा लगता है बीत गई जो दुख की घड़ियां, यादें चैन नहीं दे पाती। चिंता चिता स्वाहा करके, जिंदगी को आग लगाती। अपमान ईर्ष्या … Continue reading भूलना अच्छा लगता है | Geet Bhulna Acha Lagta Hai