खूब रोता मन | Geet Khub Rota Man
खूब रोता मन ( Khub Rota Man ) कभी जब याद तुम आते, दृगों को घेर लेते घन । अकेले में छुपाकर तन, सिसकता खूब रोता मन ।। न कुछ अच्छा लगे जी में, उदासी का रहे पहरा । तुम्हारी पीर अंतर् में, चलाए तीर अब गहरा ।। गए जब छोड़ प्रिय तब से, … Continue reading खूब रोता मन | Geet Khub Rota Man
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