कोई प्रहरी | Geet Koi Prahari

कोई प्रहरी ( Koi Prahari ) कोई प्रहरी काश लगा दे,ऐसा भी प्रतिबंध । किसी ओर से बिखर न पाये,धरती पर दुर्गंध ।। दिया हमीं ने नागफनी अरु,बबूल को अवसर क्यों बैठे हम शाँत रहे, सोचा कभी न इस पर कभी तो कारण खोजो आये,कैसे यहाँ सुगंध ।। गुलमोहर -कचनार-पकड़िया , आम -नीम-पीपल आज चलो … Continue reading कोई प्रहरी | Geet Koi Prahari