घर की देवी | Ghar ki devi par kavita

घर की देवी ( Ghar ki devi )   ज्ञान के आभूषण से अलंकृत महत्वकांक्षी,आत्मसम्मान से भरी जीवन के संघर्षो से नही हारी सशक्त हूं तृष्णाओं से परे हूं ।।   ओज की ज्वाला जलाकर मैं मर्यादा के गहनों से ही अपनी नित देह को सजाती हूं स्त्री हूं रिश्ते सभी निभाती हूं।।   तपकर … Continue reading घर की देवी | Ghar ki devi par kavita