यहाँ रोज़ जिसकी बहुत आरजू की | Ghazal aarzoo
यहाँ रोज़ जिसकी बहुत आरजू की ( Yahan roz jiski bahut aarzoo ki ) यहाँ रोज़ जिसकी बहुत आरजू की उसी की बहुत कू ब कू जुस्तजू की उसे फूल देने गया प्यार का था उसी ने मगर साथ में ख़ूब तू की उसे ख़ूब आवाज दी यार हमने नहीं शक्ल … Continue reading यहाँ रोज़ जिसकी बहुत आरजू की | Ghazal aarzoo
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