आसां नहीं होता | Ghazal Aasan Nahi Hota
आसां नहीं होता ( Aasan Nahi Hota ) बज़ाहिर लग रहा आसां मगर आसां नहीं होता बहुत दुश्वार उल्फ़त का सफ़र आसां नहीं होता। ज़मीं एहसास की बंजर अगर इक बार हो जाये लगाना फिर मुहब्बत का शजर आसां नहीं होता। सुनो अहदे वफ़ा करना अलामत इश्क़ की लेकिन निभाना अहद यारों उम्र भर … Continue reading आसां नहीं होता | Ghazal Aasan Nahi Hota
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