बिना उनके | Ghazal Bina Unke

बिना उनके ( Bina Unke ) बिना उनके हमारी आँख में सपना नहीं रहता हमारी ज़िन्दगी वह है हमें कहना नहीं रहता बहन अब बाँध दो राखी हमारे हाँथ में आकर बता दो पाक इससे अब कहीं रिश्ता नहीं रहता हवाएं चल पड़ी हैं आज कुछ ऐसी ज़माने में सुना इंसान का इंसान से नाता … Continue reading बिना उनके | Ghazal Bina Unke