दिल लगाते लगाते | Ghazal Dil Lagate Lagate
दिल लगाते लगाते ( Dil Lagate Lagate ) मुहब्बत में दिल को लगाते-लगाते, भुला खुद को बैठे भुलाते-भुलाते ! कैसे हम बताये की कितना है हारे, झूठा सा दिलासा, दिलातें-दिलातें ! गुजारे कई युग तेरी चाह रखकर, कहाँ आ गए दिल दुखाते-दुखाते ! बंजर हो गए है ये नैना हमारे, आँखों के ये आंसू छुपाते-छुपाते … Continue reading दिल लगाते लगाते | Ghazal Dil Lagate Lagate
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