दोस्ती में बेवफ़ा है | Ghazal dosti mein bewafa hai
दोस्ती में बेवफ़ा है ( Dosti mein bewafa hai ) कब वफ़ा करता दग़ा है ? दोस्ती में बेवफ़ा है भूलनी है याद तेरी टूटे दिल की अब सदा है बात की है प्यार से कब रोज रक्खा बस गिला है प्यार के टूटे भरम सब ज़ख्म बस गहरा मिला है … Continue reading दोस्ती में बेवफ़ा है | Ghazal dosti mein bewafa hai
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed