गुलाब है चेहरा | Ghazal gulab hai chehra

गुलाब है चेहरा ( Gulab hai chehra )     बंद आज़म हिजाब है चेहरा जो यहाँ वो गुलाब है चेहरा   क्या मैं तारीफें  करुं उसकी वो ख़ुद में आफ़ताब है चेहरा   देखकर प्यार का नशा होता हुस्न जैसे शराब है चेहरा   आज तो वो नजर नहीं आया हुस्न का जो ज़नाब … Continue reading गुलाब है चेहरा | Ghazal gulab hai chehra