हमें आपसे ( Hame Aapse ) हमें आपसे अब शिक़ायत नही है । मगर अब किसी से मुहब्बत नही है ।।१ झुके सिर हमारा किसी नाज़नी पे । अभी इस जहाँ में वो सूरत नहीं है ।।२ जिसे चाहने में भुलाया खुदी को । वही आज कहता हकीकत नही है ।।३ कसम आज अपनी उसे … Continue reading हमें आपसे | Ghazal Hame Aapse
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