हम दिल से हारे | Hum Dil se Hare

हम दिल से हारे ( Hum Dil se Hare )   दुनिया को देखने का अपना नुक़्ता-ए-नज़र है मेरा, मोम के लिए मोम हूँ वरना हर लफ़्ज़ खंजर है मेरा, हम दिल से हारे दिमाग़ करता ना ऐसी बेवकूफ़ियाँ, रिश्ते निभाने की ख़ातिर ज़िंदगी हुआ ज़हर है मेरा, मोहब्बतों की..बेपनाह गुल खिलाने की आरज़ू थी, … Continue reading हम दिल से हारे | Hum Dil se Hare