जो यहाँ | Ghazal Jo Yahan

जो यहाँ ( Jo Yahan ) हमनशीं हमनवा दिलदार हुआ करते थे इश्क़ के वो भी तलबगार हुआ करते थे लूट लेते थे वो पल भर में ही सारी महफ़िल शेर ग़ज़लों के असरदार हुआ करते थे चंद सिक्को में ये अख़बार भी बिक जाते अब जो कभी सच के तरफ़दार हुआ करते थे सबको … Continue reading जो यहाँ | Ghazal Jo Yahan