साथ के पल | Ghazal Saath ke Pal
साथ के पल ( Saath ke Pal ) आज भी याद है तुमसे पहली मुलाकात के पल, कितने ख़ूबसूरत थे, वो मेरे तुम्हारे साथ के पल, थका-हारा जब लौटा करता था आशियाने पे मैं, तुम्हारी मासूम मुस्कुराहट भूला देती दर्द के पल, मेरे दिल की शहज़ादी तेरा दामन भर दूँ फूलों से, लम्हा-लम्हा करवट … Continue reading साथ के पल | Ghazal Saath ke Pal
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