सताया न कर ( Sataya na Kar ) ज़ब्त रब का कभी आज़माया न कर बेवज़ह मुफ़लिसों को सताया न कर। है खफ़ा तो पता ये उसे भी लगे ख़ुद ब ख़ुद आदतन मान जाया न कर। रंजिशें दरगुज़र भी किया कर कभी तल्ख़ियां बेसबब यूं बढ़ाया न कर। तोड़ कर ख़्वाब ग़र तू … Continue reading सताया न कर | Sataya na Kar
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