घूम रहे भगवान बन | Ghoom Rahe Bhagwan ban

घूम रहे भगवान बन ( Ghoom rahe Bhagwan ban )    दो शब्दों का, चार किताबों का! कुछ मीलों का नहीं , शायद जन्मों का सफर है आजकल हर चीज का छिद्रान्वेषण करने वाले, मन के काले , दूसरों में दाग ढूंँढने वाले इस जीव के पास न बुद्धि है, न विद्या,न बल है! न … Continue reading घूम रहे भगवान बन | Ghoom Rahe Bhagwan ban