गीली रहती अब आँखें है

गीली रहती अब आँखें है ( Gili rahti Ab Aankhen Hai )     उल्फ़त की खायी राहें है! गीली रहती अब आँखें है   आती नफ़रत की बू अब तो प्यार भरी कब बू सांसें है   पास नहीं है दूर हुआ वो आती उसकी अब तो यादें है   तल्ख़ ज़बां आती है … Continue reading गीली रहती अब आँखें है