ग्रहों का कुंभ नीलाभित नभ में लगा, कुंभ ग्रहों का मीत।रूप राशि शशि को पुलक शुक्र निहारे रीत।। दिनकर हँस स्वागत करे, उषा रश्मि शुभ स्नान।सिंहासन आसीन गुरु, पा श्रद्धा-सम्मान।। राई-नौन लिए शनि, नजर उतारे मौन।बुध सतर्क हो खोजता, राहु-केतु हैं कौन? मंगल थानेदार ने, दिया अमंगल रोक।जन-गण जमघट सितारे, पूज रहे आलोक।। हर्षल को … Continue reading ग्रहों का कुंभ
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed