गृहलक्ष्मी तुम्हें नमस्कार | Grihalakshmi

गृहलक्ष्मी तुम्हें नमस्कार ( Grihalakshmi tumhe namaskar )    घर आंगन की ज्योति तुम हो, तुम दीपों की हो बहार। तुम घर की महारानी प्यारी, तुम प्रियतम का हो प्यार। गृहलक्ष्मी तुम्हें नमस्कार झिलमिल दीपों सी रोशन हो, दमकता चेहरा तुम्हारा। मनमंदिर में बसने वाली, दिव्य ज्योति हो उजियारा। जीवन पथ की हो संगिनी, भावों … Continue reading गृहलक्ष्मी तुम्हें नमस्कार | Grihalakshmi