गुलशन | Gulshan geet

गुलशन ( Gulshan )     गुल खिले गुलशन खिले खिलती चले बहार महकती फिजायें सारी चमन हुआ गुलज़ार   दिल की हसीं वादियो में फूलों का डेरा है खुशबूओं से भरा चमन है प्यार घनेरा है   बागों में बैठी कोयल तितलियां पंखों वाली गुलशन सारा महकता फलों से लदी डाली   पेड़ों पे … Continue reading गुलशन | Gulshan geet