गूंज उठी रणभेरी | Gunj uthi Ranbheri

गूंज उठी रणभेरी ( Gunj uthi ranbheri )    गूंज उठी रणभेरी, अंतर्मन विजय ज्योत जला आन बान शान रक्षा, दृढ़ प्रण दृष्टि श्रृंगार । शक्ति भक्ति धार धर, हिय भर सूरता आगार। अजेय पथ गमन कर, सर्वत्र बैठी घात लगा बला । गूंज उठी रणभेरी, अंतर्मन विजय ज्योत जला ।। स्मरण कर स्वप्न माला, … Continue reading गूंज उठी रणभेरी | Gunj uthi Ranbheri