पर हार कभी न स्वीकार कर | Haar Kabhi na Swikar Kar
पर हार कभी न स्वीकार कर ( Par haar kabhi na swikar kar ) दर्श पथ कंटक बाधा , किंचित नहीं घबराना । थोड़ा चिंतन मनन कर, मूल कारण पत्ता लगाना । फिर लगा कर दुगुनी ताकत, अदम्य सी एक उड़ान भर । पर हार कभी न स्वीकार कर… ।। बुलंद हौसलों संग होती, … Continue reading पर हार कभी न स्वीकार कर | Haar Kabhi na Swikar Kar
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