है सभी के दिलों को लुभाती ग़ज़ल | Munish kumar shayari

है सभी के दिलों को लुभाती ग़ज़ल ( Hai sabhi ke dilo ko lubhati gazal )    है  सभी  के दिलों को लुभाती ग़ज़ल। तार दिल  के सदा छेङ जाती ग़ज़ल।।   भावना   दूसरे  की  भी  अपनी  लगे।  यूं दिलों को सभी जोङ पाती ग़ज़ल।।   दायरा    बहुत     सारा    समेटे   हुए। बात  कोई  चले  याद  … Continue reading है सभी के दिलों को लुभाती ग़ज़ल | Munish kumar shayari