हर तरफ़ उजाला है | Har Taraf Ujala Hai
हर तरफ़ उजाला है ( Har Taraf Ujala Hai ) आज जो हर तरफ़ उजाला हैमेरी ग़ज़लों ने रंग डाला है रोज़ करता हूँ मैं ग़ज़ल गोईशायरों का यही निवाला है हमने पुरखों की इस विरासत कोजैसे तैसे भी हो सँभाला है तब कहीं जाके शायरी आईदिल के भीतर बहुत खँगाला है लोग उड़ने लगें … Continue reading हर तरफ़ उजाला है | Har Taraf Ujala Hai
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