हत्यारी ठण्ड | Hatyari Thand

हत्यारी ठण्ड ( Hatyari thand )   दिसम्बर की वो सबसे अधिक, सर्द ओर कोहरे भरी रात थी हर चेहरे के मध्य , सन्नाटा था स्टेशन पर, कोहरे ओर सन्नाटे के मध्य, उस काली मोटी भिखारन ने, खाली चाय के खोखे में, चिथड़े को बिछाया, गठरी बने बच्चे को लिटाया, कुछ ही घण्टो में, शीतलहर … Continue reading हत्यारी ठण्ड | Hatyari Thand