हे कान्हा ( Hey kanha ) हे कान्हा हे गिरिधर मुरली मनोहर बंशीधर, हम दीन दुखियों पर कुछ कृपा कर। हे गोप ग्वालों के रक्षक हे मधुर मुरली बजैया, हे गोपियों की इच्छा रखने उनके संग महारास रचैया। धरती का बोझ घटाने खातिर लिया था तुमने अवतार, भक्तों की रक्षा करते करते दिखलाए कई … Continue reading हे कान्हा | Hey Kanha
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