हे पित्रात्मा आप परमात्मा | Hey Pitratma

हे पित्रात्मा आप परमात्मा ( Hey pitratma aap parmatma )    जन्म- मरण और मानव बन्धनों से, छुटकारा पाकर के मोक्ष पा लिया। मोह- माया तिनको का आशियाना, छोड़कर परमधाम जो पहुँच गया।। आज फिर से याद आ गऐ मुझको, बचपन के वह खिल-खिलाते दिन। जब बैठा करता था मैं माॅं-पिताजी, आपके कंधों पर हर … Continue reading हे पित्रात्मा आप परमात्मा | Hey Pitratma